Mission 2023: भाजपा को बहुमत मिलने पर शिवराज ही होंगे सीएम सवाल पर शाह के जवाब ने संस्पेस बढ़ा

मध्यप्रदेश

प्रमोद मिश्रा, 21 अगस्त 2023

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में भाजपा जुट गई है। इस बीच मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भाजपा में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भाजपा को 2023 में बहुमत मिलने पर शिवराज सिंह चौहान ही सीएम होंगे सवाल पर अमित शाह के जवाब ने संस्पेस बढ़ा दिया है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा के पिछले 20 सालों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इस मौके पर मीडिया की तरफ से भाजपा को विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने पर शिवराज ही मुख्यमंत्री होंगे सवाल पर केंद्रीय गृहमंत्री ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। शाह ने कहा कि ऐसा है अभी शिवराज सिंह ही मुख्यमंत्री है। पार्टी का काम आप क्यों करने लगे? अभी शिवराज जी ही मुख्यमंत्री है? पार्टी पार्टी का काम करेंगी?

 

 

 

बता दें प्रदेश में विधानसभा चुनाव की कमान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संभाल ली है। साथ ही केंद्रीय मंत्रियों को प्रदेश के चुनाव में अहम जिम्मेदारी सौंपी है। इसके बाद से कांग्रेस भाजपा पर सवाल उठा रही है कि उसे सीएम शिवराज पर भरोसा नहीं रहा। प्रदेश भाजपा के चेहरे बेदम हो गए है। केंद्रीय नेतृत्व को अब प्रदेश के चेहरे पर भरोसा नहीं रहा। वहीं, हाल ही में सीएम शिवराज ने अचानक दिल्ली लौरा कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और इंदौर में भी अचानक संघ कार्यालय जाकर संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके बाद से फिर प्रदेश में फिर अटकलें तेज हो गई थी। हालांकि इन मुलाकातों को चुनाव से जुड़ा नहीं होना बताया था।

परिवारवाद का मतलब सत्ता की मिल्कियत एक परिवार के हाथ में रहना
नेताओं के परिजनों को टिकट देने पर भाजपा में परिवारवाद को लेकर पूछे सवाल पर शाह ने कहा कि परिवारवाद की जब हम बात करते है तो पार्टी की मिल्कियत की बात करते हैं। भाजपा मध्य प्रदेश की मिल्कियत किसी परिवार की है। शाह ने उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी, कांग्रेस पार्टी,शिवसेना उद्धव गुट। परिवारवाद का मतलब है कि सरकार और शासन में एक ही परिवार के व्यक्ति आगे आए। भाजपा में किसी एक दो लोगों को योग्यता के आधार पर टिकट देना यह परिवारवाद का मुद्दा डाइल्यूट करना है। परिवारवाद जहर है। जब पार्टियों परिवार की मिल्कियत बनती है तो नीचे से जो लोग आते है उनके लिए क्या स्थान होता है। उन्होंने कहा कि अटल जी, नरेंद्र मोदी जी, राजनाथ सिंह जी किसके बेटे थे। मैं पार्टी का अध्यक्ष बना, नड्डा से अध्यक्ष है इनके परिवार में कोई राजनीति का बैकग्राउंड नहीं है। शिवराज जी के परिवार में कोई नेता था क्या? परिवारवाद का मतलब पार्टी की मिल्कियत, सत्ता की मिल्कियत एक परिवार के हाथ में रहना है।

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शाह क्यों बोले- जांच की गति तेज हो सकती हैं
वहीं, कमलनाथ के खिलाफ घोटालों पर एक्शन नहीं लेने को लेकर पूछे सवाल पर अमित शाह ने कहा कि हमने कभी राजनीतिक आधार पर कार्रवाई नहीं की है। सभी घोटालों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। आप कांग्रेस के किसी भी नेता का बयान सुनिएगा तो एजेंसियों को लेकर हाय तौबा मिलेगी, यहीं जांच है। शाह ने कहा कि यह सवाल कमलनाथ की ओर से स्पॉन्सर है तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। क्यों जांच की गति तेज हो सकती है।

चुनाव से हमारी किसी योजना का संबंध नहीं
चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की तरफ से रेवड़ी कल्चर को लेकर पूछे सवाल पर शाह ने कहा कि हमने घोषणाएं चुनाव के समय नहीं की है। प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान के तहत हर घर में शौचालय 2013 में घोषित किया, हर घर नल योजना 2020 में घोषित कि उस समय कोई चुनाव नहीं था। हमारी किसी योजना का संबंध चुनाव से नहीं है। उन्होंने कहा कि रेवड़ी बांटने वाली बात है तो गरीब को भी समझ है कि मोदी ने गरीब को एक लाख का घर दिया और कोई 200 रुपए का बिल माफ करेगा तो वह एक लाख का घर भूलकर 200 रुपए बिल माफी पर वोट नहीं करेगा। हम स्टेनेबल ग्रोथ को और लाइफ स्टाइल को अपग्रेड करने पर विश्वास रखते है। यह हमारा विश्वास है कि गरीब को गरीबी से बाहर निकालना और उनकी आय बढ़ाने को ध्यान में रखकर मोदी जी ने योजनाओं को बनाया है।

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भाजपा का जीत का सबसे अच्छा रिकॉर्ड है
कर्नाटक, हिमाचल में भाजपा की सरकार नहीं बनी। अब एमपी की जनता उन मुद्दो पर भाजपा की सरकार बनाएंगी इस सवाल पर शाह ने कहा कि उससे पहले हम मणिपुर, आसाम, उत्तर प्रदेश में दो बार जीते है। पंचायत से पार्लियामेंट तक जीत का सबसे ज्यादा रिकॉर्ड भाजपा का है। दो बार पूर्व बहुमत की सरकार हमने बनाई है।

2018 में कांग्रेस ने जातिवाद का जहर घोलने का प्रयास किया
2018 के चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा, लेकिन सीट घटी, उस समय की क्या कमियां 2023 में पूरी हो गई? इस पर अमित शाह ने जवाब दिया कि कांग्रेस ने सोची समझी रणनीति के तहत गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और कई राज्यों में जाति के के आंदोलन खड़े किए। जातिवाद का जहर जनता में घोलने का प्रयास किया। 2018 का चुनाव जातिवाद के घोले हुए जहर की परछाई में हुआ। फिर भी हमें कांग्रेस से एक लाख वोट ज्यादा मिले। इस बार उनके 15 माह का शासन भी देख लिया है। अब हम भारी बहुमत से जीतेंगे।

कितने वोट मिलने पर शाह बोले- ज्योतिष ही बता सकता हैं
प्रदेश में भाजपा सरकार में विकास की गंगा बह गई। इस आधार पर कितने वोट आपको मिलेंगे। इस सवाल पर शाह ने कहा कि इसका जवाब तो कोई ज्योतिष ही दे सकता है। प्रदेश सरकार पर कर्ज को लेकर शाह ने कहा कि बजट के अनुपात में कर्ज कम है। बजट बढ़ता है तो कर्जा लेने की क्षमता बढ़ती है। वहीं, लगातार मध्य प्रदेश आने को लेकर पूछ सवाल पर शाह ने कहा कि जहां चुनाव होता है मैं जाता हूं। मेरे मध्य प्रदेश आने से आपको क्या आपत्ति हैं।

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