प्रमोद मिश्रा, 03 सितम्बर 2023
केंद्र सरकार ने देश में उत्पादन किए जाने वाले कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती की है, जबकि डीजल और एटीएफ (विमान ईंधन) के निर्यात पर लेवी (उपकर) बढ़ा दी गई है। एक आधिकारिक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाया जाने वाला कर घटाकर 6,700 रुपये प्रति टन कर दिया गया है, जो पहले 7,100 रुपये प्रति टन था।
अधिसूचना के अनुसार, डीजल के निर्यात पर एसएईडी बढ़ाकर छह रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जो पहले 5.50 रुपये प्रति लीटर था। वहीं, विमान ईंधन पर एसएईडी दो रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर चार रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। पेट्रोल के निर्यात पर एसएईडी शून्य बना हुआ है। एक सितंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार, कर की नई दरें शनिवार से लागू हो गई हैं।
भारत ने पहली बार पिछले साल एक जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसी के साथ भारत उन देशों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गया है जो ऊर्जा कंपनियों के असाधारण मुनाफे पर कर लगाते हैं। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था। तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) अप्रत्याशित लाभ कर भी लगाया गया था। पिछले दो सप्ताह में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े कर दरों की समीक्षा की जाती है।
केंद्र ने राज्यों से लॉजिस्टिक नीति बनाने को कहा
केंद्र ने कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए राज्यों से लॉजिस्टिक नीति बनाने को कहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। राज्यों के मास्टर प्लान के लिए गुणवत्तापूर्ण डाटा जुटाने का सुझाव भी दिया गया है, ताकि पीएम गतिशक्ति पहल को व्यापक रूप से अपनाया जा सके। यह पहल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की उचित योजना बनाने और कार्यान्वयन में मदद करती है।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) को व्यापक रूप से अपनाने के लिए 31 अगस्त को उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता डीपीआईआईटी में विशेष सचिव सुमिता डावरा ने की। अब तक 22 राज्यों ने अपनी लॉजिस्टिक नीतियों को अधिसूचित कर दिया है।
मंत्रालय ने कहा, राज्य स्तर पर सार्वजनिक नीति में लॉजिस्टिक्स पर समग्र ध्यान केंद्रित करने के लिए राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) के अनुरूप राज्य लॉजिस्टिक्स नीति (एसएलपी) तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को योजना उद्देश्यों के लिए जिला स्तर पर पीएम गतिशक्ति एनएमपी के उपयोग के लाभों के बारे में जागरूक किया गया था। बयान में कहा गया है, क्षेत्र-आधारित विकास को सक्षम करने के लिए जमीनी स्तर पर अंतराल की पहचान, परियोजना की योजना बनाने आदि के लिए पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों को अपनाना आवश्यक है।