रायपुर : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2023 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में माननीय न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी महोदय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार दिनांक 16/12/2023 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौते से निराकृत किये गये हैं। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये गये।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश महोदय श्री अब्दुल जाहिद कुरैशी द्वारा जिला रायपुर में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
जिसमें समस्त न्यायाधीशगण, पक्षकारगण, अधिवक्तागण, बैंक के अधिकारीगण, राजस्व अधिकारी, नगर निगम के अधिकारी, न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालिगल वालिंटियर, विधि छात्र छात्रायें उपस्थित रहे। इस बार की नेशनल लोक अदालत भी हाईब्रिड तरीके से आयोजित की गयी, जिसमें पक्षकार भौतिक उपस्थिति के साथ-साथ वर्चुअल या ऑनलाईन के माध्यम से भी राजीनामा किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं संयुक्त संचालक, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में अभूतपूर्व पहल से दिव्यांग जनों के उत्थान हेतु चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत नेशनल लोक अदालत के माध्यम से माननीय श्रीमान अब्दुल जाहिद कुरैशी जिला एवं सत्र न्यायाधीा/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर
द्वारा 154 से अधिक हितग्राहियो को व्हील चेयर, श्रवण यंत्र, ट्राईसिकल, बैटरी चलित एवं विभिन्न यंत्रो का वितरण एवं नोनी योजना के अंतर्गत राशि प्रदान किया गया ।
सैकड़ो किलोमीटर से आये पक्षकारों के न्याय के साथ-साथ निःशुल्क भोजन भी प्राप्त हुआ ।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश महोदय श्री अब्दुल जाहिद कुरैशी द्वारा जिला रायपुर नेशनल लोक अदालत के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर एवं गुरुद्वारा धन-धन बाबा साहिब जी, तेलीबांधा रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में सभी पक्षकारों हेतु निःशुल्क आहार का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने निःशुल्क भोजन ग्रहण किया।
नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पेंशन लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन पेंशन लोक अदालत में 05 प्रकरण रखे गये जिसमें से 01 प्रकरणो का तत्वरित निराकरण कर पेंशन धारी को लाभ पहुँचाया गया ।
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा दिये गये नये संकल्प मोहल्ला लोक अदालत में पहुँचे न्यायाधीश / सभापति जनोपयोगी लोक अदालत डॉ० श्री मनोज कुमार प्रजापति के द्वारा पक्षकारों को तत्वरित निर्णय करते हुए राहत पहुँचायी गयी।
मोहल्ला लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी श्रीमान डॉक्टर मनोज प्रजापति सभापति / अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्थायी लोक अदालत द्वारा घटना सील पर जाकर ही जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों का निराकरण किया उनके द्वारा 511 से अधिक प्रकरण घटना स्थल पर जाकर न्यायाधीश द्वारा निराकृत किया गया, जोन क्रमांक-01, वीरसावरकर वार्ड, वार्ड क्रमांक 04, 5, 15 16, 27,33, कन्हैया बंजारी वाड, बीरगाँव, उरला, उरकुरा, पर मोहल्ला लोक अदालत का आयोजन किया गया । उक्त लोक अदालत का न्याय तुहर द्वार योजना के तहत किया गया।
छोटे अपराध की श्रेणी में 1011 से अधिक प्रकरणों का निराकरण कराया गया जो कि अभी तक की नेशनल लोक अदालत में सर्वाधिक आकड़ा रहा ।
श्रम न्यायालय- 38 प्रकरण
राजस्व न्यायालय- 92516 प्रकरण
कुटुम्ब न्यायालय-116
छोटे अपराध से जुड़े प्रकरण 1011 प्रकरण
छ०ग० राज्य वाणिज्यिक न्यायालय – 02 प्रकरण ।
न्यायालय में लम्बित लगभग-11136 प्रकरण ।
5 वर्ष से अधिक लम्बित मामले निराकरण – 153
10 वर्ष से अधिक लम्बित मामले निराकरण-5
वरिष्ठजनों से जुड़े मामले निराकरण- 14
जनोउपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरण 511 प्रकरण
मोहल्ला लोक अदालत 193
खबर लिखे जाने से सभी प्रकार के राजीनामा योग्य 1,64,332 लगभग प्रकरण का निराकरण हुआ। जिसमें कुल राशि 122,71,41,208 रूपये विभिन्न मामलों में पक्षकारों को प्राप्त हुए
सफल कहानी। 01
पुराने प्रकरण के शीघ्र निराकरण की कानून की मंशा को साकार किया गया- न्यायाधीश नेहा यति मिश्रा, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर
प्रकरणों के शीघ्र निराकरण एवं पक्षकारों को शीघ्र न्याय एवं लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से पुराने प्रकरण जो कि, पिछले पाँच वर्षों से अधिक अवधि से लम्बित थे ऐसे 17 प्रकरणो का निराकरण न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर द्वारा किया गया, जो कि जिले में एक साथ पुराने प्रकरणों के निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से सर्वोत्तम आकड़ा रहा। इसके अतिरिक्त उक्त न्यायालय द्वारा, सर्वाधिक चेक बांउस के मामले जिनकी संख्या 136 का भी शीघ्र सुनवाई करते हुए निराकरण किया गया । जिसके बाद पक्षकारों के द्वारा शीघ्र निराकरण के प्रति जिला न्यायालय के न्यायाधीश श्रीमती नेहा यति मिश्रा के प्रति आभार व्यक्त किया।
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न्यायालय मोहित सिंह, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर
10 वर्ष से अधिक अवधि से लम्बित प्रकरण राजीनामा के आधार पर निराकृत किया गया ।
लम्बित में पक्षकारों की आपसी सहमति से राजीनामा किया गया। परिवादी संस्था द्वारा
62,300/-रूपये आरोपी को ऋण स्वरूप प्रदाय किया गया था, जिसका भुगतान आरोपी द्वारा परिवादी को किया गया । उक्त प्रकरण वर्ष 2005 से लम्बित प्रकरण आपसी राजीनामा के आधार पर निराकृत किया गया ।
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वैचारिक मतभेदो को दूर करते हुए पति-पत्नि हुए एक मीनू नंद, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर
पत्नि द्वारा ससुराल वालों के विरूद्ध घरेलू मामलों में वैचारिक मतभेद के कारण प्रकरण प्रस्तुत किया गया था, जिसमें न्यायालय द्वारा कांउसिलिंग के माध्यम से दोनों के विचार सुनने के बाद उन्हे परिवार के महत्व को बताते हुए एवं भविष्य सुरक्षित करने के उद्देश्य से उन्हे समझाईश देते हुए किया गया एक और न्यायालय से राजीखुशी गये घर ।
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हर दर्द को कम करता है स्नेह एवं प्रेम और जब प्रेम ईश्वर की भाँती लोगों को क्षमा करने की सीमा तक पहुँच जाये तो फिर ना दर्द रहता है ना कोई विवाद रहता है। न्यायाधीश कुमारी गायत्री साय, न्या. मजि. प्रथम श्रेणी रायपुर
अनावेदक द्वारा दिनांक 09-10-2005 की शांम के समय गुरुद्वारे के पास आवेदक को माँ-बहन की गंदी-गदी गाली दिया जिससे उसे और अन्य सुनने वाले को क्षोभ कारित हुआ तथा आरोपीगण ने उसके साथ मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए उसे जमीन पर पटक दिया । आज न्यायालय समक्ष आरोपीगणों एवं प्रार्थी आवेदक को समझाईश देकर उभयपक्षों को प्रेमपूर्वक रहने की एवं राजीनामा करने की समझाईश दी गई जिस हेतु उभयपक्ष राजीनामा हेतु तैयार हुये व आपसी राजीनामा किये इस प्रकार वर्ष 2005 से लंबीत प्रकरण आपसी राजीनामा के आधार पर निराकृत किया गया ।
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मित्रो की लड़ाई को कृष्ण एंव सुदामा की दोस्ती का उदाहरण देकर पाँच वर्ष पुराने प्रकरण को सुश्री. काम्या अय्यर, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर द्वारा लोक अदालत में निराकरण किया गया ।
पिछले 05 वर्षों से दो दोस्तों के मध्य लड़ाई, झगड़ा होने से अहंकार वश प्रकरण 05 वर्षा से लम्बित चल रहा था, मित्रों के लड़ाई को कृष्ण सुदामा की दोस्ती का उदाहरण देकर न्यायालय द्वारा प्री-सिंटिंग कर पक्षकरों के मध्य वाद विवाद को समाप्त कर विडियों क्रांफॅन्स के माध्यम से 05 वर्ष से लम्बित मामले का निराकरण राजीनामा के माध्यम से किया गया ।
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पंजाब नेशनल बैंक तथा एक विधवा महिला जिसने अपने पति को असमय खो दिया उसके प्री-लिटिगेशन के ऋण मामले को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर श्रीमान प्रवीण मिश्रा के प्रयासों से न्यायालय तक पहुँचने से पहले ही निराकरण किया गया ।
एक विधवा महिला जिसके पति ने पंजाब नेशनल बैंक से 60000 /- रूपये का ऋण लिया था, और ऋण लेंने के उपरांत लंबी बीमारी के कारण उसके पति का निधन हो गया और बैंक ब्याज सहित राशि लेने हेतु महिला के पास गये परन्तु महिला के पास उतने आय के साधन नही थे कि वह अपना पुरा ऋण चुका सकती, तब वह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सामने उपस्थिति होकर उसके सहायता करने का निवेदन किया, तब सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बैंक एंव उस महिला के मध्य समझौता कराके प्रकरण को 30000 /- रूपये में ही निराकृत करा दिया ।
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डिफेन्स काउसिंल ने भी नेशनल लोक अदालत में अपनी विशिष्ट सक्रियता को प्रमाणित किया ।
एक वर्ष से कम अवधि में ही प्रारंभ की गई लीगल एड डिफेन्स काउसिंल सिस्टम रायपुर द्वारा कई इतिहास रचते हुए इस नेशनल लोक अदालत में भी चोरी के चार प्रकरणों में
आरोपी की ओर से पैरवी करते हुए प्रार्थी से राजीनामा कराकर आरोपीगण को दोषमुक्त कराया गया
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दाम्पत्य जीवन साथ रहने से ही संतानों के भविष्य को उज्जवल बनाता है। प्रथम अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय-न्यायाधीश श्री मानवेन्द्र सिंह
प्रथम अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर में आवेदिका कें प्रकरण प्रस्तुत किये जाने के बाद कुटुम्ब के महत्व को समझाते हुए न्यायाधीश ने राजीनामा कराया गया । अनावेदक एंव आवेदिका के बीच दूरियो को खत्म करते हुए बिटिया के भविष्य के लिए पिता प्रति माह भरण पोषण देने हेतु हुआ राजी। दूसरे अन्य प्रकरण में भी भरण पोषण हेतु आई आवेदिका एवं अनावेदक पुर्नमिलन से परिवार के महत्व को समझते हुए प्रस्तुत किये गये प्रकरण को समाप्त किया गया । जिसके बाद सभी प्रकरण को निराकृत किया गया ।
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अलग रह रहे पति-पत्नि व बच्चे हुए एक
अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर- न्यायाधीश श्री संतोष कुमार आदित्य
पत्नि द्वारा वैचारिक मतभेद के कारण अलग होने के बाद पति के विरूद्ध स्वयं तथा पुत्र के लिए भरण पोषण प्रकरण प्रस्तुत किया गया था, जिसके संबंध में न्यायाधीश महोदय द्वारा लगातार समझाईश देने के पश्चात प्रकरण को लोक अदालत में रखा गया। जिसमें नेशनल लोक अदालत के दौरान पुनः दाम्पत्य जीवन संतान का सुख परिवार का सुख के महत्व को समझाते हुए एवं उभय पक्ष द्वारा सभी महत्व को समझते हुए दोनों परिवार खुशी-खुशी रहने को तैयार हुए और भविष्य में भी दाम्पत्य जीवन को सुखी से व्यतीत करने हेतु शपथ लिये। माननीय न्यायाधीश महोदय द्वारा पौधा देकर अपने परिवार भी साथ-साथ पौधे को भी संतान के जैसे बड़ा करने हेतु प्रेरित किया ।