प्रमोद मिश्रा
रायपुर, 8 नवंबर 2024
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारियों के लिए फंड निकासी के नियमों में बदलाव किए हैं, जिससे निकासी प्रक्रिया पहले से अधिक सरल हो गई है। अब यदि किसी कर्मचारी की नौकरी सेवानिवृत्ति से पहले चली जाती है, तो वह अपनी कुल जमा राशि का 75 प्रतिशत एक माह बाद ही निकाल सकता है। यदि दो महीने तक बेरोजगारी बनी रहती है, तो शेष पूरी राशि भी निकाली जा सकती है। इस दौरान, यदि उसे नई नौकरी मिलती है, तो शेष फंड को नए ईपीएफओ खाते में ट्रांसफर किया जा सकता है।
**ईपीएफओ में फंड जमा और निकासी की प्रक्रिया**
नौकरीपेशा व्यक्ति अपनी सैलरी का एक हिस्सा ईपीएफओ में जमा करता है, जो सेवानिवृत्ति पर मैच्योर होती है। आवश्यकता पड़ने पर जमा राशि का आंशिक हिस्सा निकाला जा सकता है। शिक्षा, घर खरीदने, शादी या चिकित्सा खर्च के लिए फंड निकासी का प्रावधान है, और इसके लिए अब कोई भी सदस्य ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।
**सेवानिवृत्ति से एक वर्ष पहले तक 90% राशि निकासी का विकल्प**
नए नियमों के अनुसार, कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति से एक वर्ष पहले तक 90% तक जमा राशि निकाल सकते हैं, बशर्ते उनकी उम्र कम से कम 54 वर्ष हो। यह प्रावधान विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो सेवानिवृत्ति के करीब हैं और उन्हें तत्काल धन की आवश्यकता है।
**टैक्स लाभ का प्रावधान**
पांच वर्षों तक ईपीएफ में योगदान करने पर, निकासी के समय टैक्स में छूट का लाभ मिलता है। हालांकि, 50,000 रुपये से कम की निकासी पर टीडीएस नहीं कटेगा। पैन कार्ड होने पर 10% टीडीएस लगेगा, जबकि पैन कार्ड न होने पर यह कटौती 30% तक बढ़ जाएगी।
**ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया**
ईपीएफओ सदस्य ईपीएफ पोर्टल या उमंग ऐप के माध्यम से अपने फंड की निकासी के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन नियोक्ता से मंजूरी मिलने के बाद, राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है। साथ ही सदस्य अपने आवेदन की स्थिति भी ऑनलाइन देख सकते हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहती है।