केशव साहू, MEDIA24 न्यूज़, रायपुर। 24 दिसम्बर, 2020
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को दो साल पूरे हो गये हैं और अपने कामों को सरकार विविध आयोजन के माध्यम से गिना रही है। वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी सम्हालने वाले पंचायत सचिव सरकार से नाख़ुश होकर काम बंद करने वाले हैं।
आपको बता दें की छत्तीसगढ़ में लगातार कई कर्मचारियों संघ की हड़ताल जारी है। जिसने सचिव संघ भी लगातार अपनी शासकीयकरण की माँग को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षण करना चाह रही है। मांगों को लेकर 21 दिसंबर को भी सभी जिले व तहसील स्तर पर भी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया।
पंचायत सचिवों का कहना है कि वो 29 विभाग 200 प्रकार के कार्य को ज़मीनी स्तर पर ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हैं। राज्य शासन ओर केंद्र शासन के उन सेवाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचते काम करती हैं। वहीं गाँव की विकाश में भी सचिव अहम भूमिका निभाते हैं। फिर भी उनकी मांगों पर सहमति नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पंचायत मंत्री टीएस सिंह देव से मिले सचिव संघ, मंत्री बोले-‘फाइल आगे बढ़ाता हूँ’
सचिव संघ के पदाधिकारियों ने मंत्री से मुलाक़ात की और अपनी माँग से अवगत भी कराया। वहीं पंचायत मंत्री ने कहा कि ‘आप लोगों की जो भी माँग है, उनको मुख्यमंत्री को अवगत कराऊँगा।’
सरकार पर लगाया आरोप
सचिव संघ ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की हमारे द्वारा पंचायत शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। जिनका संविलियन भी हो गया है, वहीं सचिव पहले जहां था, आज भी वही हैं और सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है।
इस दौरान पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात करने के बाद सचिव संघ के प्रांताध्यक्ष तुलसी साहू ने मीडिया24न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि अगर सरकार हमारी बातों को नहीं मानती है, तो 26 दिसंबर से पूरे प्रदेश के पंचायत सचिव अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे और कामबंद, कलमबंद आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।
विधायकों ने अनुशंसा की माध्यम से शासन को पत्र प्रेषित किया, फिर भी सुनवाई नहीं!
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के 65 विधायकगण द्वारा शासकीयकरण को लेकर अनुशंसा पत्र को सरकार को प्रेषित भी कर दिया गया है।
10 हज़ार से ज्यादा ग्राम पंचायतों का काम होगा प्रभावित, सरकार पर नज़र
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पंचायत सचिवों की मांग को छत्तीसगढ़ सरकार पूरा करती है या पंचायत सचिवों को काम बंद कर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठना पड़ेगा। बहरहाल पंचायत सचिव अगर धरने पर बैठते हैं, तो पंचायत के कामकाज पूरे तरीके से प्रभावित होगी।