प्रमोद मिश्रा, 25 जुलाई 2023
मणिपुर के मुद्दे को लेकर संसद में गतिरोध जारी है. संसद की कार्यवाही हर रोज शुरू होने के कुछ देर बाद ही हंगामे के चलते स्थगित हो जाती है. हंगामे की वजह मणिपुर का मुद्दा ही है. गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार मणिपुर पर चर्चा को तैयार है. इस मामले को लेकर दोनों ही पक्षों का एक दूसरे पर यही आरोप है कि वे सदन की कार्यवाही को चलने नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अब दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, टीएमसी के सुदीप बंधोपाध्य और डीएमके के टीआर बालू से विपक्ष के शीर्ष नेताओं से फोन पर बात की है. वहीं पीएम मोदी ने इस मुद्दे को लेकर कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक भी की है.
‘पीएम नहीं होम मिनिस्टर ही देगें जवाब’
अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मिलकर स्पष्ट कर दिया कि सरकार मणिपुर की घटना पर चर्चा के लिए तैयार है. इस मामले को लेकर विपक्ष पीएम के बयान पर अड़ा हुआ है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री पहले बयान दें, फिर हम चर्चा शुरू करेंगे. तो इस पर सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि मणिपुर पर गृहमंत्री अमित शाह ही बोलेंगे. सरकारी सूत्रों के मुताबिक मणिपुर में पहले भी इससे भयानक हिंसा हो चुकी है. साल 1993 और 1997 में हुई हिंसा पर एक बार तो संसद में चर्चा ही नहीं हुई और एक बार गृह राज्य मंत्री ने बयान दिया था.
विपक्ष की चुनावी मजबूरी
सरकार का मानना है तब किसी गृहमंत्री ने राज्य का दौरा तक नहीं किया था और संसद में चर्चा के दौरान पीएम ने हस्तक्षेप किया था. सूत्रों के मुताबिक सरकार संसद में अपने जवाब को केवल मणिपुर तक सीमित रखेगी, विपक्षी राज्यों में हो रही हिंसा का जिक्र नहीं होगा. सरकार को यह भी लगता है कि विपक्ष अपनी मांग से पीछे नहीं हटेगा. इसके पीछे विपक्ष की चुनावी मजबूरी है.
खाली नहीं जाएगा मानसून सत्र
इस हंगामे के बीच सरकार का यह भी मानना है कि वे इस मानसून सत्र को हंगामे के चलते ऐसे ही खाली नहीं जाने देंगे. सरकार अब अपने विधायी कार्य को निपटाने पर जोर देगी. सूत्रों की माने तों अगर हंगामे के बीच ही बिल पारित कराने पड़े तो वो भी कराए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक मणिपुर में अभी हालात नियंत्रण में हैं. पिछले पंद्रह दिनों में हिंसा में किसी की मौत नहीं हुई है.
विपक्ष भी बनाएगा अपनी रणनीतिइसके अलावा विपक्ष ने भी इस मुद्दे को लेकर एक रणनीती बनाई है. मंगलवार को संसद में कार्यवाही की शुरुआत से पहले कल INDIA गठबंधन से जु़ड़े सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे. इस दौरान विपक्षी नेता अपनी अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे. विपक्ष लगातार पीएम मोदी के बयान की मांग प अड़ा है. ऐसे में अब सरकार ने साफ कर दिया है कि पीएम बयान नहीं देंगे. तो ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी दल अगला कदम क्या उठाते हैं. मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में होने वाली इस बैठक में AAP सांसद संजय सिंह के निलंबन पर भी चर्चा होनी है.
संजय सिंह को किया सस्पेंड
दरअसल राज्यसभा में सोमवार को मणिपुर के मुद्दे को लेकर भारी हंगामा हुआ और आप सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए सदन से स्थगित कर दिया गया. इसके बाद संजय सिंह संसद में गांधी मूर्ति के सामने धरने पर बैठ गए. राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संजय सिंह के सस्पेंशन पर कड़ा विरोध जताते हुए ट्विटर पर लिखा. उन्होंने कहा, मैं जानना चाहता हूं कि उन्होंने ऐसा कौन सा अपराध किया है, जो उन्हें सस्पेंड किया गया. क्या चर्चा की मांग करना अपराध है, क्या मणिपुर के लोगों की आवाज उठाना अपराध है. मणिपुर की बेटियों की चीखें भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के कानों तक पहुंचाना अगर अपराध है, तो संजय सिंह ही नहीं पूरे विपक्ष को सस्पेंड करिए. बताते चलें कि राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की है.
अमित शाह ने आज भी स्पष्ट किया रुख
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में कहा भी कि हम सदन में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह मणिपुर की स्थिति पर लोकसभा में चर्चा करने के इच्छुक हैं और आश्चर्य है कि विपक्ष इसके लिए तैयार क्यों नहीं है. लोकसभा में संक्षेप में बोलते हुए उन्होंने विपक्षी नेताओं से बहस की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए कहा कि मणिपुर मुद्दे पर देश के सामने सच्चाई आना जरूरी है
सोमवार को संसद में क्या हुआ?
मणिपुर मुद्दे पर पहले के तीन स्थगन के बाद दोपहर 2.30 बजे जैसे ही सदन दोबारा शुरू हुआ, शाह ने कहा कि सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के नेता मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे. लेकिन जब विपक्षी सदस्यों ने प्रधानमंत्री के बयान की मांग करते हुए अपना विरोध जारी रखा, तो स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.