कमलनाथ के हिंदू राष्ट्र पर आए बयान के क्या हैं मायने?

मध्यप्रदेश

प्रमोद मिश्रा,

मध्यप्रदेश, 10 अगस्त 2023

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हिंदू राष्ट्र को लेकर विवादित बयान दिया है.
उन्होंने कहा है कि देश की 82 फ़ीसदी जनता हिंदू है तो ये कोई कहने कि बात नहीं है, ये हिंदू राष्ट्र तो है ही.
कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में बाबा बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री ने राम कथा पाठ का आयोजन किया उसमें ना सिर्फ़ कमलनाथ बल्कि उनका पूरा परिवार ही धीरेंद्र शास्त्री की सेवा में हाज़िर रहा.
मंगलवार को पत्रकारों ने कमलनाथ से सवाल पूछा कि धीरेंद्र शास्त्री अपने मंच से हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करते हैं, इसे वो कैसे देखते हैं.

 

 

 

इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा, “उन्होंने (धीरेंद्र शास्त्री) हिंदू राष्ट्र की बात नहीं की, उन्होंने तो पूरे देश की बात की, उन्होंने कहा कि ये देश सभी धर्म का है. हिंदू राष्ट्र बनाने की क्या बात है, 82 फ़ीसदी लोग तो हिंदू हैं ही. धीरेंद्र शास्त्री क्या हिंदू पैदा कर रहे हैं? जिस देश में हिंदू इतने बड़े परसेंट में हों तो वहां ये बहस की बात होनी ही नहीं चाहिए, ये तो है ही. 82 फ़ीसदी हिंदू हैं तो हम कहें कि ये हिंदू राष्ट्र है, ये क्या कहने की बात है, ये तो आंकड़े बताते हैं.”

आरएसएस वाली भाषा’
इस बयान पर पलटवार करते हुए ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है, “कांग्रेस के मध्य प्रदेश के ‘दिग्गज’ नेता साफ़-साफ़ वही कह रहे हैं जो मोहन भागवत कहते हैं, कि भारत हिंदू राष्ट्र है. भारत सिर्फ़ एक समुदाय का देश नहीं है. भारत कभी हिंदू राष्ट्र ना था, ना है और ना कभी होगा इंशाअल्लाह. ‘मोहब्बत की दुकान’ में नफ़रत की तस्करी हो रही है. दूसरों पर बी-टीम का ठप्पा लगाने का अधिकार इन्हें कहाँ से मिला? कल के दिन अगर भाजपा हार भी जाए, तो इस नफ़रत में क्या कोई कमी आएगी?”

बागेश्वर धाम के बाबा स्वामी धीरेंद्र शास्त्री अपने कई मंचों से ‘हिन्दू राष्ट्र’ की वकालत करते आए हैं.

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और ऑल इंडिया सेक्यूलर फ़ोरम के राष्ट्रीय संयोजक लज्जा शंकर हरदेनिया कहते हैं, “कमलनाथ जिस हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे हैं वो आरएसएस की परिकल्पना है. आरएसएस के लोग अतीत में ये कह चुके हैं कि ये देश हिंदुओं का है और जो भी लोग दूसरे धर्मों के हैं वो यहां मेहमान हैं और मेहमान कुछ दिनों के लिए ही रह सकते हैं.”

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हरदेनिया कहते हैं, “भारत धर्मनिरपेक्ष गणराज्य है और धर्मनिरपेक्ष किसी भी धर्म विशेष का नहीं हो सकता. आबादी का जो लॉजिक कमलनाथ दे रहे हैं उसके हिसाब से तो ब्रिटेन, अमेरिका या बाकी यूरोपीय देशों को ईसाई राष्ट्र होना चाहिए. देश कभी आबादी के हिसाब से अपना स्वभाव नहीं तय करता.”

बीते दिनों आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए विपक्ष की 26 पार्टियों ने इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी ‘इंडिया’ गठबंधन का गठन किया.

इस गठबंधन में शामिल पार्टियों के नेताओं ने बेंगलुरु के मंच से कहा था कि गठबंधन का मक़सद बीजेपी की विभाजित करने वाली नीतियों से लड़ना है.

ऐसे वक्त में जब राहुल गांधी ‘मोहब्बत की दुकान’ की बात कर रहे हैं तो कमलनाथ का ये बयान कांग्रेस के नैरेटिव को क्या नुकसान पहुंचा सकता है.

इस सवाल के जवाब में हरदेनिया कहते हैं, “कांग्रेस ने आज तक हिंदू राष्ट्र की बात नहीं की. खुद नेहरू ने भोपाल से कहा था कि अगर देश में हिंदुत्व की विचारधारा को लागू किया जाएगा तो मैं खुद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर ऐसी शक्तियों के ख़िलाफ़ लड़ूंगा. ऐसे समय में जब केंद्र में कांग्रेस और बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति के ख़िलाफ़ पार्टियां गठबंधन बना रही हैं, कमलनाथ का ये बयान उस पूरी पहल के ही विपरीत है.”

कमलनाथ ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं
मध्य प्रदेश में इस साल चुनाव होने हैं. ऐसे में राज्य में हलचल तेज़ है. बाबा बागेश्वर धाम को भारतीय जनता पार्टी के हिंदुत्व से जोड़कर देखा जाता रहा है.

बागेश्वर धाम ने कई बार ये कहा है कि देश में रहने वाले लोग सनातनी हैं. उनके मंच पर कमनाथ का परिवार सहित पहुंचना और उनकी तारीफ़ करने के बाद ये चर्चा ज़ोरों पर है कि क्या कमलनाथ कांग्रेस की सेक्युलर राजनीति छोड़ धर्म की राजनीति कर रहे हैं.

लेकिन सवाल ये है कि ऐसा करने से क्या उन्हें फ़ायदा होगा?

मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष साजिद अली मानते हैं कि कमलनाथ को इस तरह के बयान से बचना चाहिए.

वह कहते हैं, “अगर कमलनाथ को लगता है कि वह हिन्दुत्व के मोर्चे पर बीजेपी को सॉफ़्ट हिन्दुत्व से मात देंगे तो ये उनकी ख़ुशफ़हमी है. हिन्दुत्व के लिए तो बीजेपी है ही. हम सेक्युलर राजनीति करते हैं. मध्य प्रदेश में मुझे नहीं लगता है कि धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण की राजनीति के लिए कोई स्पेस है.”

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